Site icon

ईडी द्वारा गिरफ़्तारी को अवैध बताकर पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

– याचिका में आरोप  ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग कानून का इस्तेमाल एक दमनकारी हथियार के रूप में किया जा रहा है

– हाई कोर्ट ने ईडी को छौक्कर की दलीलों पर 19 जून तक जवाब दाखिल करने का दिया आदेश

चंडीगढ़:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए 19 जून तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। जस्टिस  सुमीत गोयल की एकल पीठ, जो अवकाशकालीन पीठ के रूप में सुनवाई कर रही थी, ने यह निर्देश छौक्कर की ओर से दायर याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद दिया।
पूर्व विधायक छौक्कर को ईडी ने 4 मई को दिल्ली के एक होटल से नाटकीय ढंग से उठाया था। उनकी ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि न तो उन्हें गिरफ़्तार करने वाले अधिकारी ने गिरफ़्तारी की अनिवार्यता का कोई स्पष्ट औचित्य प्रस्तुत किया और न ही उन्हें रिमांड पर भेजते समय विशेष न्यायालय ने इन पहलुओं पर कोई विचार किया। याचिका में कहा गया है कि गिरफ़्तारी और रिमांड प्रक्रिया में अनिवार्य न्यायिक विवेक का पूर्णत अभाव था, जिससे समूची प्रक्रिया कानून की मूल भावना के विरुद्ध और मनमानी बन जाती है।

छौक्कर ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उनके विरुद्ध 5 मई को पारित की गई गिरफ़्तारी आदेश को अवैध और असंवैधानिक घोषित करते हुए उसे रद्द किया जाए। साथ ही, 6, 9, 13 और 17 मई को विशेष न्यायालय, गुरुग्राम द्वारा पारित की गई रिमांड आदेशों को भी खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि इन आदेशों को पारित करते समय न्यायालय ने रुटीन और यांत्रिक दृष्टिकोण अपनाया, जिससे यह आदेश संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि छौकर की गिरफ़्तारी न केवल अवैध है, बल्कि उनकी वर्तमान गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और उपयुक्त चिकित्सकीय सुविधा की कमी को देखते हुए, हिरासत का एक-एक दिन उनके जीवन के लिए संकटपूर्ण है। ऐसे में उन्हें तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में छौक्कर के वकील ने यह भी आरोप लगाया है कि ईडी ने उन्हें जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने का प्रयास किया है। उनके अनुसार, छौक्कर को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है क्योंकि वे हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का एक जाना-पहचाना चेहरा हैं और अक्टूबर 2024 तक हरियाणा विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।

छौक्कर की ओर से यह भी तर्क रखा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग कानून का इस्तेमाल एक दमनकारी हथियार के रूप में किया जा रहा है, जिसे कुछ स्वार्थी तत्व अपने निहित राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग कर रहे हैं। यह न केवल कानून का दुरुपयोग है बल्कि मौलिक अधिकारों और न्याय के सिद्धांतों पर भी आघात है।

प्रारंभिक सुनवाई के उपरांत हाईकोर्ट ने ईडी को छौक्कर की दलीलों पर 19 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तिथि नियत कर दी है। 

Exit mobile version