– हाईकोर्ट ने दी अंतरिम राहत, बाकी आवेदकों के लिए आयोग का स्टैंड बरकरार
– कोर्ट ने आयोग और सरकार से पूछा- जब दस्तावेज पूरे थे तो एडमिट कार्ड क्यों नहीं?
हरियाणा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के हजारों अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल केवल 170 याचिकाकर्ताओं को ही प्रोविजनल तौर पर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। जबकि 21,854 अभ्यर्थियों, जिन्होंने एडमिट कार्ड नहीं मिलने की शिकायत की थी लेकिन कोर्ट नहीं पहुंचे, वे परीक्षा से वंचित रहेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) और राज्य सरकार से तीखे सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि जब उम्मीदवारों ने आवेदन फॉर्म भर दिया, फीस जमा की और एफिडेविट का प्रिंट भी मिल गया, तो उनका आवेदन अधूरा कैसे माना गया?
आयोग की सफाई, कोर्ट का सवाल
HSSC ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिन उम्मीदवारों ने एफिडेविट अपलोड नहीं किया, उनका आवेदन अधूरा माना गया है। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण एफिडेविट को हस्ताक्षर कर अपलोड करना था, जो कई अभ्यर्थियों ने नहीं किया। इसलिए उन्हें एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए।
हालांकि याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि अधिकांश उम्मीदवारों ने सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर अपलोड किए थे। तकनीकी खामी के चलते पोर्टल पर एक्नॉलेजमेंट नहीं दिखा, जिसकी वजह से एडमिट कार्ड जारी नहीं हो सके।
21 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के नहीं बने एडमिट कार्ड
आयोग द्वारा दाखिल एफिडेविट के अनुसार, कुल 15,23,787 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण किया था, जिनमें से 13,70,551 ने फीस जमा की। 13,48,697 अभ्यर्थियों ने एक्नॉलेजमेंट फॉर्म भी भरा, इसलिए उन्हें एडमिट कार्ड जारी किए गए। बाकी 21,854 अभ्यर्थियों को यह सुविधा नहीं मिल सकी।