Sunday, April 27, 2025
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कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिखा पोर्टल पर हरियाणा पंचायत फंड के वितरण का ब्योरा

  • सरकारी वकील के खोलने पर भी नहीं खुला सरकारी पोर्टल
  • कोर्ट की तल्ख टिप्पणी : अधिकारियों द्वारा की गई पूरी कवायद दिखावा और जनता के पैसे की बर्बादी

चंडीगढ़

हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद विभाग के पोर्टल पर पंचायत फंड के वितरण से संबंधित डेटा न मिलने से नाराज पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील कोर्ट में ग्राम पंचायतों की वेबसाइट खोलने का प्रयास करने पर भी वह सफल नहीं हो पाया , जिसके बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश पारित किए हैं। कार्यवाही के दौरान हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग के कार्यकारी अभियंता (आईटी) वीनस नथालिया भी मौजूद थे।

हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 21 जनवरी तक स्थगित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों द्वारा की गई पूरी कवायद दिखावा और जनता के पैसे की बर्बादी है। परिणामस्वरूप, यह कोर्ट विजिलेंस जांच के आदेश देने जा रहा था, हालांकि, संबंधित मुद्दे को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों एक और अवसर दिया जाता है।

हाई कोर्ट ने राज्य को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो आवश्यक कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में आगे स्पष्ट किया है, यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि हरियाणा राज्य ने हिंदी (देवनागरी) को आधिकारिक भाषा के रूप में अधिसूचित किया है, इसलिए, प्रतिवादियों के लिए इस उद्देश्य के लिए केवल अंग्रेजी भाषा ही नहीं, बल्कि हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करना अनिवार्य है।

जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने फरीदाबाद जिले के भगवत दयाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।

इससे पहले नवंबर में, जस्टिस सिंधु ने आदेश दिया था कि हरियाणा का ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त सभी अनुदानों और फंड का सार्वजनिक रूप से खुलासा करे, ताकि पारदर्शिता बढ़े और वित्तीय मामलों से संबंधित फिजूल के मुकदमे कम हों।

हाई कोर्ट ने निदेशक से पंचायतों द्वारा उपयोग किए गए अनुदानों और निधियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपलोड करने के लिए तंत्र स्थापित करने को कहा था। अदालत ने इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 9 जुलाई, 2007 और 4 जून, 2008 की अधिसूचना जिनमें पंचायतों को आवंटित धनराशि का खुलासा अनिवार्य किया गया था – आधिकारिक वेबसाइटों पर हिंदी में अपलोड की जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इन अधिसूचनाओं की प्रति हरियाणा के सभी सरपंचों के साथ साझा की जाए तथा अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

इस मामले में याचिकाकर्ता भगवत दयाल ने बल्लभगढ़ तहसील के हरिपुर गांव को आवंटित धनराशि के बारे में विवरण मांगा था। हालांकि कुछ जानकारी प्रदान की गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता असंतुष्ट था।

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