हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि 26 और 27 जुलाई को आयोजित हो रही कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के दौरान प्रदेश में आम लोगों को रोडवेज बस सेवाओं की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हाईकोर्ट में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई कि कुल 4000 रोडवेज बसों में से 2500 बसों को परीक्षा ड्यूटी में लगाया गया है, जबकि शेष 1500 बसें नियमित रूटों पर जनता की सुविधा के लिए चलाई जाएंगी।
सरकार ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से लगभग 9500 निजी स्कूल बसों की भी व्यवस्था की गई है, जिन्हें परीक्षार्थियों की आवाजाही के लिए तैनात किया जाएगा।
यह स्पष्टीकरण उस जनहित याचिका पर आया जिसमें आशंका जताई गई थी कि CET के चलते राज्य की अधिकतर बसें परीक्षा केंद्रों पर लगा दी जाएंगी, जिससे रोजमर्रा के यात्रियों, मरीजों, वृद्धजन, श्रमिकों और कार्यालय जाने वालों को गंभीर परेशानी उठानी पड़ सकती है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि सरकार ने मुफ्त यात्रा सुविधा तो दे दी, लेकिन आम लोगों के लिए कोई वैकल्पिक परिवहन योजना नहीं बनाई, जिससे उनके मूल अधिकारों का हनन हो सकता है।
इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने माना कि चूंकि परीक्षा शनिवार और रविवार को हो रही है, जो सामान्य रूप से अवकाश के दिन होते हैं, ऐसे में यातायात का सामान्य दबाव अपेक्षाकृत कम रहता है। फिर भी अदालत ने सरकार को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करे कि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कोर्ट ने सरकार के स्पष्टीकरण को संतोषजनक मानते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूर्व योजना बनाना आवश्यक है, ताकि संतुलन बना रहे।