Saturday, October 11, 2025

हाईकोर्ट का सख्त रुख: अतिरिक्त पेंशन लेना कपटपूर्ण आचरण, वसूली जायज

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पेंशन के रूप में मिली अतिरिक्त राशि की वसूली को वैध ठहराते हुए कहा है कि जानबूझकर अधिक भुगतान लेना “कपटपूर्ण आचरण” की श्रेणी में आता है और ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का रफीक मसीह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब (2015) फैसला लागू नहीं होता।

मामला पंजाब सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी चंचल मेहबूब सिंह से जुड़ा है, जिनसे सरकार ने ₹1,38,683 की पेंशन राशि वापस ली। यह राशि उन्हें अक्टूबर 2005 से जनवरी 2007 की अवधि के लिए पेंशन के रूप में दी गई थी, जबकि इसी अवधि के लिए वे पहले ही वेतन प्राप्त कर चुके थे।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि सेवा निवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती और इसके समर्थन में उन्होंने रफीक मसीह केस का हवाला दिया। लेकिन न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी ने स्पष्ट किया कि यह फैसला उन मामलों में ही लागू होता है जहां कर्मचारी को अतिरिक्त भुगतान की जानकारी न हो।

कोर्ट ने कहा कि चंचल मेहबूब सिंह को यह ज्ञात था कि उन्होंने उस अवधि में वेतन लिया है, फिर भी उन्होंने पेंशन की राशि स्वीकार की। यह पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों के खिलाफ है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि कोई भी व्यक्ति एक ही अवधि के लिए वेतन और पेंशन दोनों नहीं ले सकता।

अदालत ने सरकार द्वारा की गई वसूली को वैध ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी और कहा कि “ईमानदार आचरण और पारदर्शिता” किसी भी कर्मचारी से अपेक्षित है, विशेषकर जब बात सार्वजनिक धन की हो।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular