- दुष्कर्म मामले में आरोपी बरी करते हुए हाई कोर्ट की टिप्पणी
चंडीगढ़
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बरी कर दिया। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता की गवाही में विसंगतियां थीं और यौन संबंध सहमति से हुए थे।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कीर्ति सिंह की पीठ ने कहा, “घटनास्थल पर पीड़िता के कपड़े फटे नहीं मिले, जो यह दर्शाता है कि पीड़िता सहमति से यौन संबंध बना रही थी। यदि वह असहमति से यौन शोषण का शिकार होती, तो उसके कपड़े फटे होते।
पीठ ने कहा कि पीड़िता ने गवाही दी कि उसने शोर मचाया, लेकिन आरोपी द्वारा कमरे के दरवाजे अंदर से बंद कर दिए जाने के कारण वह किसी की नजर में नहीं आई, इस प्रकार यह स्पष्ट रूप से झूठा साबित होता है।
पीड़िता ने घटना स्थल से अपने घर वापस आते समय घटना के बारे में किसी को नहीं बताया इस प्रकार स्वाभाविक रूप से यह संकेत मिलता है कि वह यौन उत्पीड़न में सहमति से भागीदार थी।
पीड़िता के बयान में विसंगति को उजागर करते हुए, पीठ ने कहा कि उसके पिछले बयान में उसने कहा था कि उसने जींस और टॉप पहना हुआ था और बाद में उसने कहा कि उसने सूट पहना हुआ था।
यह फैसला आरोपी के आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान आया। दूसरे आरोपी को भी सजा सुनाई गई थी, लेकिन उसे पहले ही बरी कर दिया गया।
कोर्ट ने इसे विसंगतियां गवाही करार देते हुए आरोपी को इसका लाभ दिया।
इसके मद्देनजर हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला रद्द करते हुए आरोपी को बरी कर दिया।